1 तारीख से EMI सिस्टम में बड़ा बदलाव – लेट होने पर नहीं वसूला जाएगा एक्स्ट्रा ब्याज

By Shruti Singh

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अगर आप किसी लोन की EMI भर रहे हैं या भविष्य में लोन लेने का सोच रहे हैं, तो आपके लिए RBI ने एक बड़ी राहत देने वाला फैसला किया है। अब EMI में देरी होने पर बैंक या NBFC (नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी) भारी-भरकम पेनल्टी इंटरेस्ट नहीं वसूल सकेंगे। 1 मई 2025 से लागू हुए इस नए नियम के अनुसार अब सिर्फ एक निश्चित पेनल चार्ज ही लिया जाएगा, जो लोन की ब्याज दर में शामिल नहीं होगा। आइए जानते हैं इस नए नियम की पूरी जानकारी।

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RBI का नया नियम क्या है?

पहले जब कोई व्यक्ति अपनी EMI समय पर नहीं चुका पाता था, तो बैंक या NBFC उस बकाया राशि पर अतिरिक्त ब्याज (पेनल इंटरेस्ट) लगा देते थे। इस पेनल्टी की दर इतनी ज्यादा होती थी कि कई बार लोन की कुल लागत दोगुनी तक हो जाती थी। इस वजह से बहुत से लोनधारक भारी आर्थिक दबाव में आ जाते थे।

अब RBI ने इस पेनल्टी पद्धति को पूरी तरह खत्म कर दिया है। नए नियम के तहत बैंक और NBFC पेनल इंटरेस्ट नहीं ले सकते। EMI देर से भरने पर अब केवल एक निश्चित पेनल चार्ज ही लगेगा, जो ब्याज में नहीं जोड़ा जाएगा और उस पर फिर से कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं लगेगा।

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पेनल चार्ज और पेनल इंटरेस्ट में क्या फर्क है?

  • पेनल चार्ज: यह EMI देर से भरने पर बैंक द्वारा वसूली जाने वाली एक फिक्स रकम होती है, जैसे ₹500 या ₹1000। यह राशि ब्याज में नहीं जुड़ती और इस पर कोई अतिरिक्त ब्याज भी नहीं लगता। इसका उद्देश्य सिर्फ अनुशासन बनाए रखना होता है।

  • पेनल इंटरेस्ट: यह EMI चूकने पर लगने वाला अतिरिक्त ब्याज होता था, जिसे मूल लोन की ब्याज दर में जोड़ दिया जाता था। इससे लोन की कुल लागत बहुत बढ़ जाती थी। RBI ने इसे पूरी तरह से बंद कर दिया है।

RBI ने यह कदम क्यों उठाया?

RBI को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि EMI में थोड़ी भी देरी होने पर बैंक और NBFC बहुत ज्यादा पेनल्टी लगाते हैं। इससे लोनधारक बिना किसी चेतावनी के भारी आर्थिक नुकसान उठाते थे। विवाद और शिकायतें बढ़ रही थीं, इसलिए RBI ने स्पष्ट रूप से कहा कि बैंक पेनल्टी के नाम पर मुनाफा नहीं कमा सकते। इसका मकसद ग्राहकों को वित्तीय दबाव से बचाना और पारदर्शिता बढ़ाना है।

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नए नियम कब से लागू होंगे?

RBI के निर्देश 1 मई 2025 से पूरे भारत में लागू हो चुके हैं। सभी बैंक और NBFC के लिए यह नियम पालन करना अनिवार्य है। अगर कोई संस्था इसका उल्लंघन करती है, तो ग्राहक RBI या बैंकिंग ओम्बड्समैन के पास शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

ग्राहकों को क्या करना चाहिए?

किसे मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा?

इस नियम का सबसे बड़ा फायदा उन छोटे लोनधारकों को होगा जो कभी-कभी कुछ दिन की देरी से EMI चुकाते हैं। खासतौर पर नौकरीपेशा लोग, छोटे व्यापारी और आम ग्राहक जो बजट के कारण EMI में थोड़ी देरी करते हैं, अब उन्हें भारी ब्याज से बचाव मिलेगा।

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लोन लेने से पहले किन बातों का ध्यान रखें?

निष्कर्ष

RBI का यह नया नियम लोनधारकों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है। अब EMI देर होने पर भारी पेनल्टी ब्याज की चिंता खत्म हो गई है। इससे ग्राहकों को वित्तीय दबाव कम होगा और वे अपने लोन संबंधी फैसले बिना किसी डर के ले पाएंगे। पारदर्शिता और ग्राहक हित को ध्यान में रखकर लिए गए इस फैसले से भारतीय वित्तीय व्यवस्था और मजबूत होगी।

Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले संबंधित बैंक या वित्तीय सलाहकार से सलाह अवश्य लें। RBI की गाइडलाइंस समय-समय पर बदल सकती हैं, इसलिए हमेशा आधिकारिक स्रोतों से जानकारी प्राप्त करें।

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Shruti Singh is a skilled writer and editor at a leading news platform, known for her sharp analysis and crisp reporting on government schemes, current affairs, technology, and the automobile sector. Her clear storytelling and impactful insights have earned her a loyal readership and a respected place in modern journalism.

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