कर्मचारियों की मौज! 18 महीने का एरियर और OPS की वापसी तय, जानिए सच्चाई OPS scheme

By Shruti Singh

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OPS scheme

1 अप्रैल 2004 को केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन योजना (OPS) को बंद कर नई पेंशन योजना (NPS) लागू कर दी थी। यह फैसला लाखों सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ। OPS के तहत रिटायरमेंट के बाद जीवनभर तय पेंशन मिलती थी, जबकि NPS में पेंशन की राशि शेयर बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करती है। अब 2025 में OPS को लेकर बहस फिर से तेज हो गई है।

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OPS क्या है और इसे क्यों बंद किया गया?

OPS (Old Pension Scheme) में कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद उसकी अंतिम सैलरी का एक तय प्रतिशत (आमतौर पर 50%) आजीवन पेंशन के रूप में मिलता था। इसमें कर्मचारी का कोई योगदान नहीं होता था, पूरी राशि सरकार देती थी।

2004 में सरकार ने वित्तीय बोझ कम करने के लिए OPS को बंद कर दिया और NPS (New Pension Scheme) लागू की गई, जिसमें कर्मचारी और सरकार दोनों योगदान करते हैं और यह योजना शेयर बाजार से जुड़ी होती है।

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कर्मचारियों की नाराजगी और आंदोलन

NPS लागू होने के बाद से ही सरकारी कर्मचारी और उनके संगठन OPS की बहाली की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि:

इसी कारण कर्मचारी चाहते हैं कि उन्हें OPS और NPS में से चुनने का विकल्प दिया जाए।

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राज्यों की ओर से पहल

कई राज्य सरकारों ने कर्मचारियों के दबाव और लगातार आंदोलनों को देखते हुए OPS बहाल करने की दिशा में कदम उठाए हैं

केंद्र सरकार की स्थिति

26 अगस्त को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से राज्य कर्मचारी संगठनों के नेताओं ने मुलाकात की थी। मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने OPS पर विचार के लिए विशेष समिति बनाई है, जिसने OPS बहाली के पक्ष में रिपोर्ट दी है। लेकिन अभी तक केंद्र ने कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है।

OPS और NPS में अंतर

बिंदु OPS NPS
पेंशन की गारंटी जीवनभर तय पेंशन बाजार आधारित, निश्चित नहीं
योगदान कर्मचारी का योगदान नहीं कर्मचारी और सरकार दोनों का
जोखिम सरकार पर शेयर बाजार पर
टैक्स लाभ सीमित टैक्स में छूट
वित्तीय सुरक्षा रिटायरमेंट के बाद स्थायित्व पेंशन में अनिश्चितता

राजनीतिक और सामाजिक असर

OPS अब सिर्फ एक आर्थिक मुद्दा नहीं रहा, बल्कि यह एक चुनावी मुद्दा भी बन चुका है। कर्मचारी संगठन स्पष्ट कर चुके हैं कि:

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  • अगर OPS बहाल नहीं हुई, तो वे चुनाव में विरोध करेंगे

  • कई राज्यों में सरकारों को चुनावी दबाव के चलते यह कदम उठाना पड़ा है।

एरियर और अन्य लाभ

OPS की बहाली के साथ-साथ 18 महीने के एरियर की भी चर्चा है, जिससे कर्मचारियों को बड़ी राहत मिल सकती है। लेकिन इसके लिए:

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निष्कर्ष

अगर केंद्र सरकार OPS को बहाल करती है, तो यह देशभर के करोड़ों कर्मचारियों के लिए एक ऐतिहासिक फैसला होगा। इससे उन्हें रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा और स्थायित्व मिलेगा। लेकिन इसके लिए एक मजबूत योजना, सभी हितधारकों की सहमति और वित्तीय संतुलन बेहद जरूरी है।

OPS की बहाली की मांग 2025 में और तेज हो चुकी है। अब देखना यह है कि केंद्र सरकार इस पर क्या अंतिम निर्णय लेती है।

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Shruti Singh

Shruti Singh is a skilled writer and editor at a leading news platform, known for her sharp analysis and crisp reporting on government schemes, current affairs, technology, and the automobile sector. Her clear storytelling and impactful insights have earned her a loyal readership and a respected place in modern journalism.

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