अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (क्रूड ऑयल) की कीमतों में एक बार फिर तेजी देखने को मिल रही है। ब्रेंट क्रूड की कीमत 67.19 डॉलर प्रति बैरल और WTI क्रूड का रेट 65.45 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया है। इससे देश के भीतर पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों पर असर पड़ना तय है।
महानगरों में नहीं बदले दाम
देश के चार प्रमुख महानगरों – दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में पेट्रोल और डीजल के रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यहां कीमतें पहले जैसी ही बनी हुई हैं:
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दिल्ली: पेट्रोल ₹94.72, डीजल ₹87.62 प्रति लीटर
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मुंबई: पेट्रोल ₹103.44, डीजल ₹89.97 प्रति लीटर
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चेन्नई: पेट्रोल ₹100.76, डीजल ₹92.35 प्रति लीटर
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कोलकाता: पेट्रोल ₹104.95, डीजल ₹91.76 प्रति लीटर
यूपी-हरियाणा में दिखा असर, रेट में आई गिरावट
हालांकि उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों के कुछ शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की गई है। सरकारी तेल कंपनियों ने मंगलवार सुबह नए रेट जारी किए। इसमें कुछ पैसों की राहत जरूर मिली है।
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गाजियाबाद: पेट्रोल 12 पैसे सस्ता होकर ₹94.53, डीजल 14 पैसे घटकर ₹87.61
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नोएडा (गौतम बुद्ध नगर): पेट्रोल 15 पैसे कम होकर ₹94.66, डीजल 18 पैसे घटकर ₹87.76
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गुरुग्राम: पेट्रोल 14 पैसे कम होकर ₹94.97, डीजल 14 पैसे सस्ता होकर ₹87.83
हर सुबह 6 बजे बदलते हैं रेट
देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव रोजाना सुबह 6 बजे किया जाता है। सरकारी तेल कंपनियां – IOC, BPCL और HPCL – हर दिन के अंतरराष्ट्रीय बाजार के आधार पर रेट तय करती हैं। नए रेट उसी दिन सुबह से लागू हो जाते हैं।
पेट्रोल-डीजल की कीमतें इतनी क्यों हैं?
पेट्रोल और डीजल की असली कीमतों में कई कर (टैक्स) शामिल होते हैं। इसमें एक्साइज ड्यूटी, डीलर का कमीशन, वैट और अन्य शुल्क जोड़ने के बाद कीमत लगभग दोगुनी हो जाती है। यही वजह है कि उपभोक्ताओं को तेल काफी महंगा पड़ता है, भले ही कच्चे तेल की कीमत कम क्यों न हो।
क्यों होता है शहरों में अलग-अलग रेट?
हर राज्य का टैक्स सिस्टम अलग होता है। कुछ राज्य वैट ज्यादा लगाते हैं तो कुछ कम। इसके अलावा डीलर का कमीशन और परिवहन लागत भी कीमतों को प्रभावित करती है। यही कारण है कि एक ही दिन अलग-अलग शहरों में तेल के रेट अलग हो सकते हैं।
आगे क्या हो सकता है?
अगर ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें लगातार बढ़ती हैं, तो आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमतों में फिर से बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि सरकार की कोशिश रहती है कि आम लोगों पर इसका सीधा बोझ न पड़े।
निष्कर्ष
फिलहाल कुछ शहरों में थोड़ी राहत जरूर मिली है, लेकिन महानगरों में दाम जस के तस हैं। आने वाले समय में पेट्रोल और डीजल की कीमतें पूरी तरह से वैश्विक बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर होंगी। इसलिए आम जनता को चाहिए कि वह हर सुबह अपडेटेड रेट चेक करते रहें और समझदारी से ईंधन की खपत करें।