अगर आप लोन लेकर EMI भर रहे हैं या भविष्य में लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत राहत देने वाली है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लोनधारकों के लिए नए नियम जारी किए हैं, जो 1 मई 2025 से पूरे देश में लागू हो चुके हैं। इन नियमों के तहत अब अगर आप EMI समय पर नहीं भर पाते हैं तो बैंक या नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां (NBFC) आपसे भारी पेनल ब्याज नहीं वसूल सकेंगी। अब सिर्फ एक सीमित पेनल चार्ज लिया जाएगा, जो आपकी ब्याज दर में नहीं जोड़ा जाएगा।
EMI न भरने पर पहले क्या होता था?
पहले जब भी कोई ग्राहक EMI समय पर नहीं भर पाता था, तो बैंक उस बकाया राशि पर अतिरिक्त ब्याज (पेनल इंटरेस्ट) लगा देते थे। यह पेनल इंटरेस्ट कई बार इतना अधिक हो जाता था कि लोन की कुल रकम दोगुनी हो जाती थी। इस वजह से लोनधारकों पर भारी आर्थिक दबाव पड़ता था और कई बार वे बैंक के दबाव में मानसिक तनाव का भी शिकार हो जाते थे।
RBI का नया नियम क्या कहता है?
RBI ने स्पष्ट कर दिया है कि अब बैंक और NBFC पेनल इंटरेस्ट नहीं वसूल सकेंगे। इसके बदले ग्राहक से केवल एक फिक्स्ड पेनल चार्ज लिया जाएगा। यह चार्ज एक निश्चित राशि होगी, जैसे ₹500 या ₹1000, जो ब्याज की दर में शामिल नहीं होगा और इस पर कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं लगेगा। इसका उद्देश्य केवल ग्राहकों को समय पर भुगतान करने के लिए प्रोत्साहित करना है, न कि बैंक का मुनाफा बढ़ाना।
पेनल चार्ज और पेनल इंटरेस्ट में क्या अंतर है?
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पेनल चार्ज: यह एक निश्चित राशि होती है जो EMI देर से भरने पर लगाई जाती है। इसे आपके लोन की ब्याज दर में नहीं जोड़ा जाता और न ही इस पर कोई ब्याज लगता है।
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पेनल इंटरेस्ट: यह अतिरिक्त ब्याज दर होती थी जो EMI मिस होने पर आपके मूल ब्याज दर में जोड़ दी जाती थी। जैसे यदि ब्याज दर 10% थी तो पेनल इंटरेस्ट के बाद यह 12% या उससे अधिक हो जाती थी। अब RBI ने इसे पूरी तरह खत्म कर दिया है।
RBI ने यह नियम क्यों लागू किया?
बैंक और NBFC द्वारा लगाई जा रही भारी पेनल्टी से लोनधारकों को बहुत परेशानी होती थी। कई बार उन्हें इसकी पूरी जानकारी भी नहीं मिलती थी, जिससे उनकी लोन की कुल लागत बढ़ जाती थी। RBI ने इस स्थिति को सुधारने के लिए यह कदम उठाया है ताकि ग्राहकों को अनुचित आर्थिक बोझ से बचाया जा सके और पारदर्शिता बढ़ाई जा सके।
नए नियम कब से लागू हैं?
RBI के ये नए निर्देश 1 मई 2025 से देश भर में लागू हो गए हैं। सभी बैंक और NBFC को इसे कड़ाई से पालन करना होगा। जो भी वित्तीय संस्थान इसका उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ शिकायत की जा सकती है।
ग्राहकों को क्या करना चाहिए?
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अपने लोन अकाउंट की स्टेटमेंट नियमित रूप से चेक करें।
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EMI में देरी होने पर जो चार्ज लगता है, वह केवल फिक्स्ड पेनल चार्ज होना चाहिए, पेनल इंटरेस्ट नहीं।
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बैंक से स्पष्ट पूछें कि लगाए गए चार्ज RBI की गाइडलाइंस के अनुरूप हैं या नहीं।
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यदि आपको लगता है कि बैंक ने पेनल इंटरेस्ट लगाया है, तो आप बैंकिंग ओम्बड्समैन या RBI से शिकायत कर सकते हैं।
ग्राहकों को इस नियम से क्या फायदा होगा?
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EMI देर से भरने पर भारी पेनल्टी से बचाव होगा।
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आर्थिक बोझ कम होगा और लोन चुकाने में आसानी होगी।
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छोटे लोनधारकों, नौकरीपेशा और छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी।
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बैंक और NBFC पारदर्शिता के साथ ही अनुशासन बनाए रखने वाले चार्ज लगाएंगे।
लोन लेने से पहले क्या ध्यान रखें?
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EMI देर से भरने पर लगने वाले पेनल चार्ज के बारे में पहले ही बैंक से जानकारी लें।
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यह सुनिश्चित करें कि चार्ज ब्याज में न जोड़ा जाए।
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RBI की गाइडलाइंस को पढ़ें और जागरूक रहें।
निष्कर्ष
RBI का यह नया कदम लोनधारकों के लिए एक बड़ी राहत है। अब EMI देर से भरने पर ज्यादा पेनल्टी और ब्याज की चिंता नहीं होगी। इससे ग्राहकों का वित्तीय तनाव कम होगा और वे बेहतर तरीके से अपने लोन का प्रबंधन कर सकेंगे। इसलिए लोन लेते समय और EMI भरते समय इन नियमों को समझना और पालन करना बेहद जरूरी है।
Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले संबंधित बैंक या वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें।