भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) समय-समय पर लोन से जुड़े नियमों को अपडेट करता रहता है ताकि ग्राहकों के हितों की बेहतर रक्षा हो सके और बैंकिंग सिस्टम ज्यादा मजबूत बने। इसी क्रम में RBI ने गोल्ड लोन के नियमों में कुछ नई गाइडलाइंस जारी की हैं, जो 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकती हैं। इन नए नियमों के आने से गोल्ड लोन लेने वालों को कुछ नई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन इसका मकसद लोन प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाना है।
नई गाइडलाइंस लागू करने की वजह और तारीख
फाइनेंस मिनिस्ट्री के तहत आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज (DFS) ने सुझाव दिया है कि छोटे अमाउंट वाले गोल्ड लोन लेने वालों को इन नई गाइडलाइंस से बाहर रखा जाए। इसका कारण यह है कि छोटे कर्जदारों पर नियमों के कड़े होने से अनावश्यक दबाव पड़ सकता है। इसलिए, नए नियम 1 जनवरी 2026 से लागू करने का निर्णय लिया गया है ताकि सभी पक्षों की राय लेकर सही बदलाव किए जा सकें।
RBI की ड्राफ्ट गाइडलाइंस में क्या है नया?
9 अप्रैल 2025 को RBI ने गोल्ड लोन के लिए ड्राफ्ट गाइडलाइंस जारी की थीं, जिनका उद्देश्य मौजूदा नियमों की कमियों को दूर करना है। इन गाइडलाइंस में मुख्य रूप से तीन बड़े बदलाव किए गए हैं:
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अंडरराइटिंग प्रक्रिया को मजबूत करना, ताकि लोन देने से पहले ग्राहक की पूरी जांच हो।
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कोलैटरल मैनेजमेंट यानी सुरक्षा राशि (गोल्ड) के प्रबंधन में सुधार।
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गोल्ड लोन से मिले फंड के उपयोग पर कड़ी नजर रखना।
RBI ने कहा है कि ड्राफ्ट गाइडलाइंस पर मिली प्रतिक्रियाओं का अध्ययन किया जा रहा है और सभी सुझावों को लेकर अंतिम नियम बनाए जाएंगे।
अंडरराइटिंग प्रक्रिया में बदलाव
नई गाइडलाइंस के तहत, गोल्ड लोन कंपनियों को लोन देने से पहले ग्राहक की योग्यता और जोखिम की पूरी जांच यानी अंडरराइटिंग पूरी करनी होगी। यह कदम इसलिए जरूरी है क्योंकि वर्तमान में अंडरराइटिंग में कई बार लापरवाही होती है, जिससे कर्ज की वसूली में परेशानी आती है। नए नियम से यह प्रक्रिया कड़ी होगी जिससे कर्ज देने का फैसला और अधिक सुरक्षित होगा।
गोल्ड लोन कंपनियों की प्रतिक्रिया
गोल्ड लोन कंपनियां कह रही हैं कि इस बदलाव से उनकी प्रक्रिया धीमी हो जाएगी और लोन देने में समय बढ़ सकता है। खासकर अंडरराइटिंग के कड़े नियमों के कारण कारोबार की गति प्रभावित हो सकती है। क्रिसिल की एक रिपोर्ट में भी कहा गया है कि RBI के नए नियमों से गोल्ड लोन उद्योग की ग्रोथ प्रभावित हो सकती है।
स्टॉक मार्केट पर असर
30 मई को मुथूट फाइनेंस के शेयरों में 7.4% की तेजी देखी गई, जो 2,219 रुपये तक पहुंच गया। मणिप्पुरम फाइनेंस के शेयर भी 3.88% बढ़कर 240.88 रुपये पर कारोबार कर रहे थे। इस तेजी का कारण हो सकता है कि निवेशकों को नए नियमों से उम्मीदें हैं या बाजार में सकारात्मक बदलाव आ रहे हैं।
ग्राहकों के लिए जरूरी सावधानियां
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गोल्ड लोन लेने से पहले नई गाइडलाइंस और नियमों की पूरी जानकारी लें।
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छोटे अमाउंट के गोल्ड लोन लेने वालों को राहत दी गई है, इसलिए वे ज्यादा परेशान न हों।
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लोन आवेदन करते समय अंडरराइटिंग प्रक्रिया को समझें और सभी आवश्यक दस्तावेज सही तरीके से जमा करें।
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गोल्ड लोन देने वाली कंपनियों से पूछें कि वे नई गाइडलाइंस के अनुसार काम कर रही हैं या नहीं।
निष्कर्ष
RBI की नई गोल्ड लोन गाइडलाइंस का मकसद इस क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ाना और ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इससे लोन प्रक्रिया थोड़ी जटिल जरूर होगी, लेकिन लंबी अवधि में यह फायदा पहुंचाएगी। 1 जनवरी 2026 से लागू होने वाली ये गाइडलाइंस फाइनेंसिंग की गुणवत्ता को बेहतर बनाएंगी और कर्ज लेने वालों के हितों की रक्षा करेंगी।
ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे RBI और फाइनेंस मिनिस्ट्री की आधिकारिक वेबसाइट से समय-समय पर अपडेट लेते रहें और अपनी लोन प्रक्रिया में सावधानी बरतें ताकि किसी भी अप्रत्याशित समस्या से बचा जा सके।