अब EMI नहीं भरने पर बैंक नहीं कर सकेंगे परेशान, RBI ने जारी की नई गाइडलाइन

By Shruti Singh

Published On:

RBI

आज के आर्थिक दौर में कई लोग अपने जरूरी खर्चों के लिए लोन लेते हैं। चाहे घर खरीदना हो या नया व्यवसाय शुरू करना, लोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। लेकिन कई बार नौकरी छूटना, व्यवसाय में घाटा या स्वास्थ्य समस्याएं आने से लोन की ईएमआई भरना मुश्किल हो जाता है। ऐसी स्थिति में लोग न केवल आर्थिक दबाव में आते हैं, बल्कि बैंकों और रिकवरी एजेंटों के दबाव से भी परेशान हो जाते हैं।

इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लोनधारकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए नई गाइडलाइन्स जारी की हैं। इन नियमों का मकसद लोन न चुका पाने वाले लोगों को अनुचित परेशानियों से बचाना और वित्तीय संस्थानों को ग्राहकों के साथ उचित व्यवहार करना सिखाना है।

RBI की नई गाइडलाइन्स का महत्व

RBI के नए नियमों के तहत अब बैंक और रिकवरी एजेंट मनमाने तरीके से लोनधारकों को परेशान नहीं कर सकेंगे। पहले रिकवरी एजेंट कभी भी अनुचित समय पर फोन करते थे, धमकी देते थे या अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते थे। अब ऐसी हरकतें पूरी तरह प्रतिबंधित हैं।

यह भी पढ़े:
BSNL BSNL का सस्ता धमाका: सिर्फ ₹199 में फुल सर्विस, जानिए पूरी जानकारी

ये नियम न केवल लोनधारकों की गरिमा की रक्षा करते हैं, बल्कि बैंकिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता भी बढ़ाते हैं। यह पहल बैंक और ग्राहक के बीच विश्वास बढ़ाने में मददगार साबित होगी।

लोनधारकों के कानूनी अधिकार

RBI की नई गाइडलाइन्स लोनधारकों को कई महत्वपूर्ण अधिकार देती हैं। यदि कोई बैंक या रिकवरी एजेंट अनुचित व्यवहार करता है तो ग्राहक पुलिस में शिकायत कर सकता है और बैंक से पेनल्टी की मांग भी कर सकता है। यह नियम मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना से बचाने के लिए बनाए गए हैं।

लोनधारकों को यह समझना जरूरी है कि वित्तीय मुश्किलें सामान्य हैं और वे सम्मान के साथ व्यवहार पाने के हकदार हैं। अगर कोई धमकी या अपमान करता है तो वे तुरंत कार्रवाई कर सकते हैं।

यह भी पढ़े:
Post Office Savings Scheme पोस्ट ऑफिस की स्कीम में मिल रहा 5 लाख के निवेश पर 2,24,974 रुपये ब्याज, खूब निवेश कर रहे लोग Post Office Savings Scheme

शिकायत की प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज

नए नियमों के अनुसार, ग्राहक अपनी शिकायत बैंक की शिकायत निवारण सेल में या RBI के ग्राहक सेवा विभाग में दर्ज करा सकते हैं। गंभीर मामलों में पुलिस में भी FIR दर्ज कराई जा सकती है।

शिकायत करते समय फोन कॉल रिकॉर्डिंग, मैसेज के स्क्रीनशॉट और गवाहों के बयान जैसे सबूत जुटाना जरूरी है। बैंक भी अपने रिकवरी एजेंटों के व्यवहार की जिम्मेदारी उठाने के लिए बाध्य है।

रिकवरी एजेंटों के लिए निर्धारित समय सीमा

RBI ने रिकवरी एजेंटों के लिए सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक कॉल या मिलने का समय तय किया है। इस समय के बाहर वसूली करना नियमों का उल्लंघन माना जाएगा। रात में या छुट्टियों के दिन परेशान करना सख्त मना है।

यह भी पढ़े:
हर महीने ₹20,500 पेंशन का तोहफा: वरिष्ठ नागरिकों के लिए बड़ी योजना का ऐलान

अगर कोई एजेंट इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो तुरंत शिकायत करें। यह नियम ग्राहकों की निजता और पारिवारिक शांति की रक्षा करते हैं।

ईएमआई बाउंस होने पर मिलने वाला समय

जब कोई लोनधारक लगातार तीन EMI बाउंस करता है, तो बैंक पहला नोटिस भेजता है और 90 दिन का समय देता है अपनी स्थिति सुधारने के लिए। चौथी-पांचवी EMI न भरने पर बैंक दूसरा नोटिस भेजता है, जिसमें नीलामी की चेतावनी होती है।

इस दौरान भी बैंक या रिकवरी एजेंट अनुचित व्यवहार नहीं कर सकते। लोनधारक इस अवधि में बैंक से बात करके समाधान खोज सकते हैं।

यह भी पढ़े:
Free Solar Panel एक घर पर सोलर पैनल लगवाने के बदले राज्य सरकार देगी 1000 रुपए Free Solar Panel

रिकवरी एजेंटों के व्यवहार की सीमाएं

RBI ने रिकवरी एजेंटों को साफ निर्देश दिए हैं कि वे धमकी, अपमानजनक भाषा या शारीरिक प्रताड़ना न करें। वे परिवारजनों या दोस्तों को परेशान नहीं कर सकते और जबरन घर में प्रवेश भी नहीं कर सकते।

अगर कोई एजेंट नियम तोड़ता है तो उसकी रिपोर्ट तुरंत करें। बैंक को अपने एजेंटों के व्यवहार की जिम्मेदारी लेनी होती है और उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई करनी होती है।

नीलामी प्रक्रिया और कानूनी सुरक्षा

जब लोनधारक पूरी तरह EMI नहीं चुका पाता तो बैंक कानूनी प्रक्रिया के तहत संपत्ति की नीलामी कर सकता है। यह प्रक्रिया न्यायालय के अधीन होती है और पारदर्शी होनी चाहिए। बैंक अपनी मर्जी से संपत्ति जब्त नहीं कर सकता।

यह भी पढ़े:
Supreme Court संपत्ति विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, सिर्फ रजिस्ट्री ही काफी नहीं Supreme Court

नीलामी से पहले लोनधारक के पास अपनी बात कहने और न्यायालय से सुरक्षा मांगने का अधिकार होता है। अगर नीलामी राशि लोन से अधिक होती है तो बची राशि वापस की जाती है।

निष्कर्ष

RBI की नई गाइडलाइन्स लोनधारकों को कानूनी सुरक्षा और मानसिक शांति प्रदान करती हैं। ये नियम वित्तीय संस्थानों और ग्राहकों के बीच बेहतर तालमेल और पारदर्शिता लाने में मदद करेंगे। इसलिए लोनधारकों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना और जरूरत पड़ने पर सही कदम उठाना चाहिए।

Disclaimer

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी वित्तीय या कानूनी निर्णय से पहले संबंधित विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें। RBI के नियम समय-समय पर बदल सकते हैं, इसलिए आधिकारिक स्रोतों से जानकारी लेते रहें।

यह भी पढ़े:
Salary Hike सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत! फिटमेंट फैक्टर 2.57 से सैलरी में आएगा ज़बरदस्त उछाल Salary Hike

Shruti Singh

Shruti Singh is a skilled writer and editor at a leading news platform, known for her sharp analysis and crisp reporting on government schemes, current affairs, technology, and the automobile sector. Her clear storytelling and impactful insights have earned her a loyal readership and a respected place in modern journalism.

Leave a Comment

Join Whatsapp Group